ब्लॉग – रूचि प्रिया

“कला मेरी पहचान है, और रंग मेरी भाषा।”

9/10/20251 min read

🌸मेरा पहला ब्लॉग – रूचि प्रिया 🌸

नमस्कार,

मेरा नाम रूचि प्रिया है। मैं पटना (बिहार) की रहने वाली हूँ और पेशे से एक प्रोफेशनल फाइन आर्ट आर्टिस्ट हूँ। बचपन से ही रंगों और रचनात्मकता ने मुझे अपनी ओर आकर्षित किया है। इसी जुनून ने मुझे मधुबनी पेंटिंग और अन्य हैंडमेड हैंडीक्राफ्ट उत्पाद बनाने की दिशा में आगे बढ़ाया।

🎨 मधुबनी पेंटिंग – हमारी सांस्कृतिक धरोहर

मधुबनी पेंटिंग सिर्फ एक कला नहीं, बल्कि मिथिला की आत्मा है। यह परंपरा पीढ़ियों से हमारी मातृभूमि की संस्कृति, भावनाएँ और जीवनशैली को दर्शाती रही है। इसमें प्रकृति, देवी-देवता, लोककथाएँ और हमारी दिनचर्या की झलक बड़ी ही सुंदरता से उभरकर सामने आती है।

🧵 मेरी कलात्मक यात्रा

मैंने शुरुआत घर से ही की थी – रंगों से खेलते-खेलते, कागज़ पर आकृतियाँ बनाते-बनाते। धीरे-धीरे यह शौक मेरा व्यवसाय और पहचान बन गया। अब मैं न सिर्फ मधुबनी पेंटिंग, बल्कि कपड़े, बैग, पाउच और अन्य क्राफ्ट उत्पादों को भी अपने हाथों से बनाकर सजाती हूँ। हर एक डिज़ाइन, हर एक रेखा मेरे दिल की मेहनत और कला की पहचान है।

🌍 मेरा सपना

मेरा सपना है कि मधुबनी पेंटिंग और भारतीय फाइन आर्ट को मैं वैश्विक मंच (Global Platform) तक ले जाऊँ। ताकि दुनिया भर में लोग मिथिला की इस अद्भुत कला को देखें, सराहें और इसे अपनाएँ।

🙏 आप सभी से सहयोग की अपेक्षा

मेरे इस सफर में मुझे आप सभी के सहयोग और आशीर्वाद की आवश्यकता है। यह मेरा पहला ब्लॉग है, और मैं चाहती हूँ कि आप सभी इसे पढ़कर अपने सुझाव और प्रेरणा दें। आपके सहयोग से मैं आगे और भी ब्लॉग लिखूँगी, जिनमें मैं मधुबनी पेंटिंग की गहराई, तकनीक, इतिहास और आधुनिक उपयोग के बारे में विस्तार से बताऊँगी।

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कला सिर्फ देखने की चीज़ नहीं, बल्कि जीने का एक तरीका है। मेरा प्रयास है कि हर कोई मधुबनी पेंटिंग और भारतीय हस्तशिल्प को अपनी जिंदगी का हिस्सा बनाए।

आप सभी से अनुरोध है कि इस ब्लॉग को साझा करें और मेरे आने वाले ब्लॉग्स का इंतज़ार करें।

जय मिथिला, जय भारत।
आपकी अपनी,
रूचि प्रिया 🎨🌸

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👉 अगली बार मैं अपने ब्लॉग में बताऊँगी कि मधुबनी पेंटिंग को सीखना कैसे शुरू किया जा सकता है और इसके क्या-क्या आधुनिक प्रयोग हैं।